बारिश पर दिल छु लेने वाली 5 बेस्ट कवितायें | Poem on Rain in Hindi | Poetry on Rain in Hindi

 Poem on Rain in Hindi: Rainy season is the most pleasant, most cheerful and good weather. In the season of Varsha Ritu, clouds, rain and rainbow are visible all around in nature. For this reason, the rainy season is everyone's favorite season. In this post, we are sharing Hindi poems on rain (Poem on Rain in Hindi).

Everyone wants to enjoy it in the rainy season. If you get to listen to a poem on rain with a cup of hot tea, then things will be different. That's why we have brought here a collection of Poems on Rain for you. We hope you would enjoy these Best Rainy Season Poems (Varsha Ritu Par Kavita).

Poem on Rain in Hindi
Poetry on Rain in Hindi

1. बारिश पड़े तो भागिए नहीं | Poem on Rain in Hindi

बारिश पड़े तो भागिए नहीं.

छत नहीं खोजिये..

छाते कभी-कभार बंद रखिये.

किस बात का डर है? 

भीग जायेंगे न?

तो क्या हुआ..

 पिघलेंगे नहीं..

.फिर से सूख जायेंगे..

तेजाब नहीं बरस रहा है..

आपकी 799 वाली टी-शर्ट भी सूख जायेगी..

ब्रांड भी उसका Levis से Lebis नहीं हो जायेगा..

मोबाइल पालीथिन में कस के रख लीजिये..

सड़क साफ़ है.. कोई नहीं आएगा..

उस स्ट्रीट लैम्प की पीली रौशनी में डिस्को करती बूंदों को देखिये...

थोड़ा धीरे चलिए..

जल्दी पहुंच के भी क्या बदल जाना है..

बारिश बदलाव है..

मौसम का..

 मन का.

कल्पनाओं का...

और लाइफ के गियर का..

दिमाग से दिल की तरफ..

सब धुल रहा है..

 प्रकृति सब कुछ धो रही है..

आप क्यूँ उसी मनहूसियत की चीकट लपेटे घूम रहे हैं..

याद कीजिये...

वो कागज़ की नाव, कॅालेज/कोचिंग  में भीगे सिर आए वो लड़की, लड़के, 

बारिश में जबरदस्ती नाचने को खींच कर ले गये दोस्त..

सब चलते-चलते याद कीजिये..

दुहराना आसान नहीं होता..

दुहराना चाहिए भी नहीं..

लेकिन सहेजा तो जा ही सकता है..

ताकि ऐसी किसी बारिश में चलते-चलते सोच के मुस्कुराया भी जा सके..

ज़ुकाम से मत डरिये..

दवा से सही हो जायेगा..

बारिश से डरेंगे तो फिर ज़ुकाम आपका महंगा वाला शावर भी ठीक नहीं कर पायेगा..

और वैसे भी..

मैंने शावर में सिर्फ लोगों को रोते सुना है..

मुस्कुराते नहीं..

क्योंकि  उनका गाना भी रोने से कम नहीं होता है..

बारिश आई है..

थोड़ा चल लीजिये..

थोड़ा भीग लीजिये...

खुद से मिल लीजिये..

थोड़ा मुस्कुरा भी लीजिये..

क्योंकि बारिश चन्द दिनों के लिये आई है..

जैसे सावन में बिटिया घर आई हो..

चली जायेगी वापस..

फिर न रोइयेगा कि अब कब आयेगी...

बारिश हो रही है..

उसके सहारे कुछ पल अपने लिये भी जी लेने की कोशिश कर लीजिये..

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2. बारिश कहाँ पे रहती है | बारिश पर कविता

यूँ गरजे यूँ बरसे बादल,
हवा भी ज़ोर से चलती है।

मुझे बता दो ऐ चलते बादल,
बारिश कहाँ पे रहती है ।

क्यूँ पहले तुम बादल आते,
फिर बारिश आती है,

मेरी बचपने को देखकर,
माँ मुझे ये समझती है।

ये बारिश बनती बादल से ही,
सो बादल पहले आते हैं,

इन बारिश की बूंदों से ही,
सबका मन हर्षाते हैं।

3. मौसम की पहली बारिश | Poetry on Rain in Hindi

छ्म छम छम दहलीज़ पे आई मौसम की पहली बारिश।

गूंज उठी जैसे शहनाई मौसम की पहली बारिश।

जब तेरा आंचल लहराया

सारी दुनिया चहक उठी

बूंदों की सरगोशी तो

सोंधी मिट्टी महक उठी

मस्ती बनकर दिल में छाई मौसम की पहली बारिश।

रौनक़ तुझसे बाज़ारों में

चहल पहल है गलियों में

फूलों में मुस्कान है तुझसे

और तबस्सुम कलियों में

झूम रही तुझसे पुरवाई मौसम की पहली बारिश।

पेड़-परिन्दें, सड़कें, राही

गर्मी से बेहाल थे कल

सबके ऊपर मेहरबान हैं

आज घटाएं और बादल

राहत की बौछारें लाई मौसम की पहली बारिश।

आंगन के पानी में मिलकर

बच्चे नाव चलाते हैं

छत से पानी टपक रहा है

फिर भी सब मुस्काते हैं

हरी भरी सौग़ातें लाई मौसम की पहली बारिश।

सरक गया जब रात का घूंघट

चांद अचानक मुस्काया

उस पल हमदम तेरा चेहरा

याद बहुत हमको आया

कसक उठी बनकर तनहाई मौसम की पहली बारिश।

-: देवमणि पांडे

Poems on Rain in Hindi: 10 poems on rainy season: Friends, today we are going to share with you the best poems written on rainy season. Poems on Rain in Hindi have been written by very good authors. These poems written on Varsha Ritu will be helpful for all class and college students to write poems on rainy season.

Poetry on Rain in Hindi
 Poem on Rain in Hindi

4. फिर से बारिश का मौसम आया | बारिश पर कविता हिंदी में

देखो एक बार फिर से बारिश का मौसम आया,

अपने साथ सबके चेहरों पर मुस्कान है लाया।

देखो वर्षा में हवा कैसी चल रही मंद-मंद,

क्या बच्चे क्या बूढ़े सब लेते इसका आनंद।

देखो चारो ओर फैली यह अद्भुत हरियाली,

जिसकी मनमोहक छंटा है सबसे निराली।

जिसको देखो वह इस मौसम के गुण गाता,

बारिश का मौसम है ऐसा जो सबके मन को भाता।

मेरे मित्रों तुम भी बाहर निकलो लो वर्षा का आनंद,

देखो इस मनमोहक वर्षा को जो नही हो रही बंद।

छोटे बच्चे कागज की नाव बनाकर पानी में दौड़ाते है,

वर्षा ऋतु में ऐसे नजारे नित्य दिल को बहलाते है।

तो आओ हम सब संग मिलकर झूमे गाये,

इस मनभावी वर्षा ऋतु का आनंद उठाये।

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5. सावन में तन मन जलाए | Romantic Poem on Rain in Hindi

सावन में तन मन जलाए

हाय रे बेदर्दी साजन

तेरे बिन जिया न जाए

हाय रे बेदर्दी साजन !


धरती प्यासी आँगन प्यासा

रीत गई हर अभिलाषा

दर्द बढ़ा कर क्या सुख पाए

हाय रे बेदर्दी साजन !


बदरा बरसे कण-कण हरसे

हरी-हरी हरियाली सरसे

तू क्यों मेरी जलन बढ़ाए

हाय रे बेदर्दी साजन !


सुन ले मेरी कातर मनुहारें

कभी तो आ भूले-भटकारे

अब तो हाय अंग लगा ले

हाय रे बेदर्दी साजन !


प्रीत की रीत वही पुरानी

तू क्या जाने ओ अभिमानी

राधा को क्या कपट दिखाए

हाय रे बेदर्दी साजन !

6. बारिश का मौसम है आया | Varsha Ritu Par Kavita

बारिश का मौसम है आया
हम बच्चों के मन को भाया।

‘छु’ हो गई गरमी सारी
मारें हम मिलकर किलकारी।

काग़ज़ की हम नाव चलाएँ
छप-छप नाचें और नचाएँ।

मज़ा आ गया तगड़ा भारी
आँखों में आ गई खुमारी।

गरम पकौड़ी मिलकर खाएँ
चना चबीना खूब चबाएँ।

गरम चाय की चुस्की प्यारी
मिट गई मन की ख़ुश्की सारी।

बारिश का हम लुत्फ़ उठाएँ
सब मिलकर बच्चे बन जाएँ।

7. वर्षा बहार सबके मन को लुभा रही है | Barish ka Mausam Aaya Poem in Hindi

वर्षा बहार सबके मन को लुभा रही है ।
उमड़-घुमड़ कर काले बदरा छा रहे है ।।

चपला भी चमक कर रोशनी बिखेर रहे है ।
गुड़-गुड़ कर के बादल भी गरज रहे है ।।

ठंडी-ठंडी हवा चल रही मन को भा रही है ।
बागों में लताओं पर फूल खिल रहे है ।।

मदमस्त मोर पीहू पीहू करके नाच रहा है ।
कोयल भी मस्त राग सुना रही है ।।

मेंढक भी प्यारे संगीत गा रहे है ।
बाज भी बादलों के ऊपर उड़ान भरकर इतरा रहा है ।।

कल कल करती नदियां, इठलाती हुई बह रही है ।
मानो कोई नया संगीत सुना रही है ।।


बागों में फूल खिल रहे, सुगंध मन को भा रही है ।
सावन में झूले पर झूल रही है बिटिया ।।

वर्षा बहार भू पर जीवन की ज्योति जला रही है ।
वर्षा बहार सबके मन को लुभा रही है ।।

–: नरेंद्र वर्मा

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8. मेरे बचपन की बारिश बड़ी हो गयी | Best Poems on Rain in Hindi

मेरे बचपन की बारिश बड़ी हो गयी...!

ऑफिस की खिड़की से जब देखा मैने,मौसम की पहली बरसात को.
काले बादल के गरज पे नाचती, बूँदों की बारात को।

एक बच्चा मुझसे निकालकर भागा था भीगने बाहर.
रोका बड़प्पन ने मेरे, पकड़ के उसके हाथ को।

बारिश और मेरे बचपने के बीच एक उम्र की दीवार खड़ी हो गयी
लगता है मेरे बचपन की बारिश भी बड़ी हो गयी।

वो बूँदें काँच की दीवार पे खटखटा रही थी
मैं उनके संग खेलता था कभी, इसीलिए बुला रही थी।
.
पर तब मैं छोटा था और यह बातें बड़ी थी
तब घर वक़्त पे पहुँचने की किसे पड़ी थी।

अब बारिश पहले राहत, फिर आफ़त बन जाती है
जो गरज पहले लुभाती थी,वही अब डराती है।

मैं डरपोक हो गया और बदनाम सावन की झड़ी हो गयी
लगता है मेरे बचपन की बारिश भी बड़ी हो गयी।

जिस पानी में छपाके लगाते, उसमे कीटाणु दिखने लगा
खुद से ज़्यादा फिक्र कि लॅपटॉप भीगने लगा।

स्कूल में दुआ करते कि बरसे बेहिसाब तो छुट्टी हो जाए
अब भीगें तो डरें कि कल कहीं ऑफिस की छुट्टी ना हो जाए।

सावन जब चाय पकोड़ो की सोहबत में इत्मिनान से बीतता था,
वो दौर, वो घड़ी बड़े होते होते कहीं खो गयी।

लगता है मेरे बचपन की बारिश भी बड़ी हो गयी।

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