Poem on Mother in Hindi: Maa Par Kavita - Friends, today in this post we have collected some poems on mother based on mother. This Maa Par Kavita in Hindi is very popular poem. Which will touch your heart.
Friends, it is very difficult to express mother's love in a few words. No one in this world can love you more than your mother. Removes all the obstacles coming in the way of your life. Mother knows everything about you. Mother understands what you want without you saying anything.
Mother tirelessly wants to fulfill all the wishes of her children. Tries to make us a better person. Mother always wants to see us happy. It is said that even God comes after listening to the call of the mother.
Writing poetry on mother is not an easy task. Here some popular poems in Poem about Mother in Hindi are given below. We hope you will like this best poem on mother. Poem about Mother in Hindi, Maa Par Kavita in Hindi, Poem on Mother, Maa Kavita Short Poem on Mother in Hindi.
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माँ पर 21 बेस्ट कविताएं | Poem on Mother in Hindi
poem on mother in hindi |
1. अम्मा का जाना (Sad Poem on Maa in Hindi)
अम्मा का जाना
बाबा के लिए
कुछ यूं रहा ज्यों
हाथ छुड़ा कर चली गई हो,
एकबार फिर से उनकी अपनी माँ!
अम्मा के जाने के बाद बाबा
अपने कमरे में नहीं जाते
दालान में बिछे दीवान पर गुमसुम बैठे
सिलबट्टे को ताका करते हैं,
मानों अम्मा मेहंदी रचे , चूड़ी भरे हाथों से
पीस रही हो मिरच अमिया की चटनी !
अम्मा का जाना पूरे घर पर
भारी कर देता है बाबा की चाय, दवाई
और दो बख़त की रोटी के टाईम का लेखाजोखा!
अम्मा के जाने से बाबा को
अब कोई बीमारी नहीं सिवाय हर बात में
अम्मा को याद कर रोने की बीमारी के!
जीवन भर खुशी से चहककर भागदौड़ कर
अम्मा के मनचाही मुंहमाँगी करने वाले बाबा
अम्मा की बूढ़ सुहागन हो जाने की मुराद
सच होने पर न जाने क्यों मुंह लटकाए बैठे रहते हैं ?
अम्मा का जाना बाबा को इतना खलता है कि
खलते देखते ही उन्हें याद आ जाती है
अम्मा के लिए रातों को छिपाकर लाई
इमरती, रबड़ी और खस्ता-कचौड़ी !
बाबा अब हजामत नहीं बनाते
कि शीशे में उन्हें वे नहीं ,
अम्मा दिखती हैं !
लेखिका- सुजाता
2. मैं माँ को मानता हूँ
बचपन में माँ कहती थीं
बिल्ली रास्ता काटे,
तो बुरा होता है
रुक जाना चाहिए
मैं आज भी रुक जाता हूँ
कोई बात है जो डरा
देती है मुझे
यकीन मानो,
मैं पुराने ख्याल वाला हूँ नहीं
मैं शगुन-अपशगुन को भी नहीं मानता
मैं माँ को मानता हूँ
मैं माँ को मानता हूँ
दही खाने की आदत मेरी
गयी नहीं आज तक
माँ कहती थीं
घर से दही खाकर निकल
तो शुभ होता है
मैं आज भी हर सुबह दही
खाकर निकलता हूँ
मैं शगुन-अपशगुन को भी नही मानता…
मैं माँ को मानता हूँ
मैं माँ को मानता हूँ
आज भी मैं अँधेरा देखकर डर जाता हूँ,
भूत-प्रेत के किस्से खोफ पैदा करते हैं मुझमें,
जादू , टोने, टोटके पर मैं यकीन कर लेता हूँ
बचपन में माँ कहती थी
कुछ होते हैं बुरी नज़र लगाने वाले,
कुछ होते हैं खुशियों में सताने वाले
यकीन मानों, मैं पुराने ख्याल वाला नहीं हूँ
मैं शगुन-अपशगुन को भी नहीं मानता
मैं माँ को मानता हूँ
मैं माँ को मानता हूँ
मैंने भगवान को भी नहीं देखा जमीन पर
मैंने अल्लाह को भी नहीं देखा
लोग कहते है,
नास्तिक हूँ मैं
मैं किसी भगवान को नहीं मानता
लेकिन माँ को मानता हूँ
में माँ को मानता हूँ
3. ईश्वर का रूप है माँ (Maa Par Kavita)
Mother's love has no value. Let me tell you that people who have a mother are very lucky, their luck never leaves them and the most valuable thing in the world is the blessings of the mother and father.
The one who has this is the richest person. Friends, today I am writing some poem for you and I hope that you will like the Maa Par Kavita given below.
तुम एक गहरी छाव है अगर तो जिंदगी धूप है माँ
धरा पर कब कहां तुझसा कोई स्वरूप है माँ
अगर ईश्वर कहीं पर है उसे देखा कहां किसने
धरा पर तो तू ही ईश्वर का रूप है माँ, ईश्वर का कोई रुप है माँ
नई ऊंचाई सच्ची है नए आधार सच्चा है
कोई चीज ना है सच्ची ना यह संसार सच्चा है
मगर धरती से अंबर तक युगो से लोग कहते हैं
अगर सच्चा है कुछ जग में तो माँ का प्यार सच्चा है
जरा सी देर होने पर सब से पूछती माँ,
पलक झपके बिना घर का दरवाजा ताकती माँ
हर एक आहट पर उसका चौक पड़ना, फिर दुआ देना
मेरे घर लौट आने तक, बराबर जागती है माँ
सुलाने के लिए मुझको, तो खुद ही जागती रही माँ
सहराने देर तक अक्सर, मेरे बैठी रही माँ
मेरे सपनों में परिया फूल तितली भी तभी तक थे.
मुझे आंचल में लेकर अपने लेटी रही माँ.
बड़ी छोटी रकम से घर चलाना जानती थी माँ
कमी थी बड़ी पर खुशियाँ जुटाना जानती थी माँ.
मै खुशहाली में भी रिश्तो में दुरी बना पाया.
गरीबी में भी हर रिश्ता निभाना जानती थी माँ.
माँ पर कविता हिंदी में
मेरे सर पर भी माँ की दुवाओं का साया होगा,
इसलिए समुन्दर ने मुझे डूबने से बचाया होगा..
माँ की आघोष में लौट आया है वो बेटा फिर से..
शायद इस दुनिया ने उसे बहुत सताया होगा…
अब उसकी मोहब्बत की कोई क्या मिसाल दे,
पेट अपना काट जब बच्चों को खिलाया होगा..
की थी सकावत उमर भर जिसने उन के लिए
क्या हाल हुआ जब हाथ में कजा आया होगा
कैसे जन्नत मिलेगी उस औलाद को जिस ने
उस माँ से पैहले बीवी का फ़र्ज़ निभाया होगा…
और माँ के सजदे को कोई शिर्क ना कह दे
इसलिए उन पैरों में एक स्वर्ग बनाया होगा
4. बहुत याद आती है माँ (Heart Touching Poems on Mom in Hindi)
बाजुओं में खींच के आ जायेगी जैसे क़ायनात
अपने बच्चे के लिए ऐसे बाहें फैलाती है माँ…
ज़िन्दगी के सफ़र मै गर्दिशों में धुप में
जब कोई साया नहीं मिलता तब बहुत याद आती है माँ..
प्यार कहते हैं किसे, और ममता क्या चीज़ है,
कोई उन बच्चों से पूछे जिनकी मर जाती है माँ
सफा-ए- हस्ती पे लिखती है, असूल-ए- ज़िन्दगी,
इसलिए तो मक़सद-ए- इस्लाम कहलाती है माँ.
जब ज़िगर परदेस जाता है ए नूर-ए- नज़र,
कुरान लेकर सर पे आ जाती है माँ
लेके ज़मानत में रज़ा-ए- पाक की,
पीछे पीछे सर झुकाए दूर तक जाती है माँ
काँपती आवाज़ में कहती है बेटा अलविदा
सामने जब तक रहे हाथों को लहराती है माँ
जब परेशानी में फँस जाते हैं हम परदेस में
आंसुओं को पोंछने ख्वाबों में आ जाती है माँ
मरते दम तक आ सका न बच्चा घर परदेस से,
अपनी सारी दुआएं चौखट पे छोड़ जाती है माँ
बाद मरने के बेटे की खिदमत के लिए,
रूप बेटी का बदल के घर में आ जाती है माँ
5. माँ प्यार ये तेरा कैसा है? (Poem on Mother in Hindi)
घुटनों से रेंगते-रेंगते
कब पैरों पर खड़ी हुई
तेरी ममता की छाँव में
जाने कब बड़ी हुई
काला-टीका दूध मलाई
आज भी सब कुछ वैसा है
मैं ही मैं हूँ हर जगह
माँ प्यार ये तेरा कैसा है
सीधी-साधी भोली-भाली
मैं ही सबसे अच्छी हूँ
कितनी भी हो जाऊ बड़ी
माँ मैं आज भी तेरी बच्ची हूँ
-अमृता वर्मा
6. बच्चा माँ की आँखों का तारा होता है (Poem on Maa in Hindi)
बच्चा माँ की आँखों का तारा होता है
जो उसे जान से भी प्यारा होता है
जिसे वह हमेशा दुलार करती है
वही उसके आँगन का सितारा होता है।
बच्चे को कठिन परिस्थितियों से बचाती है
बाद में उससे लड़ना सिखाती है
हार का मुँह कभी नहीं देखती
बच्चे को भी जीना सिखाती है।
बच्चे के चेहरे पर मुस्कान लाती है
बड़े प्यार से उसे सहलाती है
सारे काम वह बाद में करती है
पहले उसकी ज़मी को जन्नत बनती है।
आँखों में जब तिनका आ जाता है
पल्लू से उसे हटा देती है
पास खड़ी उसके हर मोड़ पर
हर बार वही नज़र आती है।
सारे जहाँ से खुद है लड़ती
हर दर्द में वो हँसती है
जब बच्चे की आँखों में आँसू हो
तो वो भी नम हो जाती है।
जब बच्चे को चलाना सिखाती है
रास्तों को मखमल बना देती है
होठ उसके खिल उठते है
जब उसे कोशिश करते देखती है।
मंज़िल की शुरुआत यहीं से होती है
जब तक सफल न हो, चैन से न सोती है
और जब बच्चा गिर जाता है
उसका हौसला बनकर उसे फिर उठाती है।
न हो के भी अपनी अहसास दिलाती है
सभी रिश्ते निभाने का साहस देती है
रूक जाते हैं जब कदम आगे बढ़ने से
परछाईं बनकर फिर आ जाती है।
उसका हर बच्चा उसके लिए नूर होता है
वही उसकी देहं, सूरत होता है
वो सबसे ज़्यादा तब खुश होती है
जब उसका बच्चा उसके आँसू पोंछता है।
7. वो मां है (Maa Par Kavita in Hindi)
नौ महीने उसे कोख में रखती है
मन ही मन उससे बातें करती है
हजारों दर्द वो सह लेती है
और प्यार से बच्चे पर हाथ फेरती है
उसका बच्चा ही उसकी खुशी है
वो ये बात मानती है
वो मां है ना, वो सब जानती है
बच्चे की खुशियों की बात हो
तो वो सबसे उलझ जाती है
उसका बच्चा इशारा भी कर दे
तो मां सब समझ जाती है
कांटो को हटाकर उसके लिए
वो फूल बिछाती है
वो मां है ना, वो सब जानती है
बच्चे के साथ खेलते खेलते
वो बाकी जहां को भूल जाती है
उसके चेहरे पर खुशियां लाने के लिए
वो उसी की तरह बन जाती है
इस दुनिया को वो उसे
अपनी नजरों से दिखाती है
वो मां है ना, वो सब जानती है
जबतक बच्चा चलना सीख नहीं जाता
बच्चे को गोद में लेकर सोती है
उसके जीवन में जैसी परिस्थितियां आती हैं
हमेशा उसकी मां ही उसके साथ होती है
गम का काढ़ा अलग करके
उसके लिए वो प्यार छानती है
वो मां है ना, वो सब जानती है।
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8. वो माता का प्यार दुलार (Small Poem on Mother in Hindi)
वो पिता की मीठी डांट
वो माता का प्यार दुलार
वो दादी नानी द्वारा कहानी सुनाने
वो दादा का खेतों मे ले जाना
वो दोस्तों के साथ टोली बनाकर खेलना
वो कपड़े मिट्टी में गंदे करना
वो अध्यापक का हमे पढ़ाना
वो रंगों से होली खेलना
वो दिवाली पर मिट्टी के दिए जलाना
जब पता चला कि बच्चपन क्या है?
तब मैंने महसूस किया की वो बचपन
बच्चों के चेहरे की मासूमियत में है।
9. माँ एक बार प्यार से गले लगा ले (Man ke Upar Kavita)
Mother's love is exclusive, so we are going to show you some sweet glimpses of this love in today's post poem on mother. Here you will read mothers day poem in hindi, small poem on mother in hindi, poem on maa in hindi, maa poetry in hindi, short poem on mother in hindi, heart touching poem on mother in hindi, maa par kavita who has mother's love He is the richest man in the world.
आज फिर से छोटा होने का दिल कर रहा है
माँ तेरी गोद में सर रख के सोने का दिल कर रहा है
कितनी भी गलतियां हो जाएं बचपन में हमसे
पर मां तेरे लिए हम हमेशा सही होते थे
और अब बिन गलतियों के भी गलत हो जाते हैं हम
एक बार फिर से वो यादें संजोने का दिल कर रहा है
माँ तेरी गोद में सर रख के सोने का दिल कर रहा है
बचपन में रोना हसना सब कितना अच्छा होता था माँ
झूठी हंसी है चेहरे पर क्यूंकि रोने वालों को
दुनिया कमज़ोर समझती है
माँ एक बार प्यार से गले लगा ले
खुल के रोने का दिल कर रहा है
माँ तेरी गोद में सर रख के सोने का दिल कर रहा है
हमारी भूख प्यास का तुम्हें एहसास था माँ
हमारा सुख दुःख सब तुम्हारे पास था माँ
अब समझाने से कोई नहीं समझता
तुम बिन कहे सब समझ जाती थी माँ !
एक बार फिर से तेरे सामने
भूखा प्यासा होने का दिल कर रहा है
माँ तेरी गोद में सर रख के सोने का दिल कर रहा है
- श्वेता सेठ
10. माँ क्या तुम कोई परियों की कहानी हो (poem on mothers day in hindi)
माँ, क्या तुम कोई परियों की कहानी हो?
या मेरी कल्पना कोई पुरानी हो?
क्या तुम कोई परियों की कहानी हो?
क्या सचमुच मेरी ज़िंदगी में तेरा वजूद था?
या बस मेरे सोच के दायरे में सिमटी हो?
या हो कोई मधुर स्वप्न
जो बस नींदों में बनती हो?
जिससे मेरा भाग्य है वंचित
तुम वो गोद सुहानी हो
माँ, क्या तुम कोई परियों की कहानी हो?
अतीत में गूंजती मीठी सी आवाज़ हो तुम
एक धुंधली टिमटिमाती सी याद हो तुम
जिसे जी भर के बुला ना सकी
वही प्यारा सा अल्फ़ाज़ हो तुम
मेरे स्कूल के किस्सों,दोस्तों
पसन्द, नापसन्द हर चीज से अंजानी हो
माँ, क्या तुम कोई परियों की कहानी हो?
इतनी कम समझ, इतनी छोटी उमर थी
कि मौत के मतलब से भी बेखबर थी
मैं रोज़ तेरा इंतेज़ार करती थी
सबसे तेरा ठिकाना पूछा करती थी
फिर भ्रम और वास्तविकता वक़्त ने बता दिया
तेरे खालीपन ने मुझे लिखना सिखा दिया ।
– जया पाण्डेय
11. माँ से ही दुनिया कि मूरत बनती है (Hindi Poem on Mother)
मॉ वह दर्पण है जिसमें ममता झलकती है
माँ से ही दुनिया कि मूरत बनती है,
तुम्हारी हर हँसी उसकी हँसी होती है,
तकलीफ में भी उसे परवाह तुम्हारी होती है,
तुम्हारे अपमान को वो सहती रहती है,
फिर भी तुम्हारी सलामती की वो दुआ करती रहती है,
तुम्हारे सपने को वो अपना सपना बना लेती है,
तुम्हारे लिए वो कांटों को भी अपना बिछौना बना लेती है,
मॉ को छोड़कर तुम एक नया परिवार बनाते हो,
मॉ की ममता की तुम खुद ही चिता जलाते हो,
तुम्हारी यादों मे वो हरपल रोती रहती है,
किस्मत वाले होते हैं जिनके मॉ होती है,
जो हर वक्त तुम्हारे साथ रहती है,
ऐसी तो सिर्फ मॉ होती है.
– प्रिया यादव
12. माँ भूलती नहीं (Short Poems on Mother in Hindi)
माँ भूलती नहीं,
याद रखती है हर टूटा सपना
नहीं चाहती कि
उसकी बेटी को भी पड़े
उसी की तरह
आग में तपना
माँ जानती है
जिन्दगी कि बगिया में
फूल कम शूल अधिक हैं,
उसे यह भी ज्ञात है कि
समय सदा साथ नहीं देता
वह अपनी राजदुलारी को
रखना चाहती है महफूज़
नहीं चाहती कि
उस जान से ज्यादा
अज़ीज़ बेटी पर
कभी भी उठे उँगली।
इसलिए वह
भीतर से
नर्म होते हुए भी
ऊपर से
दिखती है कठोर
जैसे रात की सियाही
छिपाए रहती है
अपने दामन में
उजली भोर।
13. तेरी ममता की छाँव में (मेरी माँ पर कविता)
घुटनों से रेंगते रेंगते
कब पैरो पर खड़ा हुआ
तेरी ममता की छाँव में
न जाने कब बड़ा हुआ?
काला टीका दूध मलाई
आज भी सब कुछ वैसा है
मै ही मै हु हर जगह
प्यार ये तेरा कैसा है
सीधा साधा भोला भाला
मै ही सबसे अच्छा हु
कितना भी हो जाऊ बड़ा
माँ मै आज भी तेरा बच्चा हु.
14.मेरे हिस्से आई अम्मा (माँ पर कविता)
चिंतन दर्शन जीवन सर्जन
रूह नज़र पर छाई अम्मा
सारे घर का शोर शराबा
सूनापन तनहाई अम्मा
उसने खुद़ को खोकर मुझमें
एक नया आकार लिया है,
धरती अंबर आग हवा जल
जैसी ही सच्चाई अम्मा
सारे रिश्ते- जेठ दुपहरी
गर्म हवा आतिश अंगारे
झरना दरिया झील समंदर
भीनी-सी पुरवाई अम्मा
घर में झीने रिश्ते मैंने
लाखों बार उधड़ते देखे
चुपके चुपके कर देती थी
जाने कब तुरपाई अम्मा
बाबू जी गुज़रे, आपस में-
सब चीज़ें तक़सीम हुई तब-
मैं घर में सबसे छोटा था
मेरे हिस्से आई अम्मा
- आलोक श्रीवास्तव
15. खुशनसीब हैं वो लोग जिनके पास माँ है (Hindi Poem on Mother)
कभी जो गुस्से में आकर मुझे डांट देती
कभी जो गुस्से में आकर मुझे डांट देती
जो रोने लगूं में मुझे वो चुपाती
जो में रूठ जाऊं मुझे वो मनाती,
मेरे कपड़े वो धोती मेरा खाना बनाती
जो न खाऊं में मुझे अपने हाथों से खिलाती
जो सोने चलूँ में मुझे लोरी सुनाती,
वो सबको रुलाती वो सबको हंसाती
वो दुआओं से अपनी बिगड़ी किस्मत बनाती
वो बदले में किसी से कभी कुछ न चाहती,
जब बुज़ुर्गी में उसके दिन ढलने लगते
हम खुदगर्ज़ चेहरा अपना बदलने लगते
ऐश-ओ-इशरत में अपनी उसको भूलने लगते
दिल से उसके फिर भी सदा दुआएं निकलती
खुशनसीब हैं वो लोग जिनके पास माँ है।
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16. मेरी आंखों का तारा ही, मुझे आंखें दिखाता है (Best Mothers Poem in Hindi)
मेरी आंखों का तारा ही, मुझे आंखें दिखाता है
जिसे हर एक खुशी दे दी, वो हर गम से मिलाता है
जुबा से कुछ कहूं कैसे कहूं किससे कहूं माँ हूं
सिखाया बोलना जिसको, वो चुप रहना सिखाता है
सुला कर सोती थी जिसको वह अब सभर जगाता है
सुनाई लोरिया जिसको, वो अब ताने सुनाता है
सिखाने में क्या कमी रही मैं यह सोचूं,
जिसे गिनती सिखाई गलतियां मेरी गिनाता है।
- शैलेश लोढ़ा
17. बस यही माँ की परिभाषा है (Kavita on Maa in Hindi)
हम एक शब्द हैं तो वह पूरी भाषा है
हम कुंठित हैं तो वह एक अभिलाषा है
बस यही माँ की परिभाषा है
हम समुंदर का है तेज तो वह झरनों का निर्मल स्वर है
हम एक शूल है तो वह सहस्त्र ढाल प्रखर
हम दुनिया के हैं अंग, वह उसकी अनुक्रमणिका है
हम पत्थर की हैं संग वह कंचन की कृनीका है
हम बकवास हैं वह भाषण हैं हम सरकार हैं वह शासन हैं
हम लव कुश है वह सीता है, हम छंद हैं वह कविता है
हम राजा हैं वह राज है, हम मस्तक हैं वह ताज है
वही सरस्वती का उद्गम है रणचंडी और नासा है
हम एक शब्द हैं तो वह पूरी भाषा है
बस यही माँ की परिभाषा है
18. बस एक माँ है जो कभी खफा नहीं होती (माँ पर कविताएं)
Mother is the most precious word and person in this world. Mother is the one who gives birth to us and nurtures us. If anyone in this whole world loves us selflessly, then it is our mother. There is only one mother who gives all the happiness and facilities to her children even after facing the difficulties of the whole world. Hardly anyone can do as much sacrifice as a mother does for her children. The first teacher of any person is his mother.
Every person learns the right way to live life from his mother. Mother always teaches her children to walk on the path of truth and honesty. The education taught by the mother lays the foundation for molding our character in our life. Whenever we are in any problem, first of all we remember our mother, because we know that there is only one mother who is always ready to help us without any selfishness. If seen, the most important person in this world is the mother.
लबों पर उसके कभी बददुआ नहीं होती
बस एक माँ है जो कभी खफा नहीं होती
इस तरह वो मेरे गुनाहों को धो देती है
माँ बहुत गुस्से में होती है तो बस रो देती है
मैंने रोते हुए पोंछे थे किसी दिन आंसु
मुदतो माँ ने नहीं धोया दुपटा अपना
अभी जिन्दा है मेरी माँ मुझे कुछ नहीं होगा
मै जब घर से निकलता हूँ तो दुआ भी साथ चलती है मेरे
जब भी कश्ती मेरी शैलाब में आ जाती है
माँ दुआ करती हुई ख्वाब में आ जाती है
ए अँधेरे देख ले तेरा मुंह कला हो गया
माँ ने आंखे खोल दी और घर में उजाला हो गया
मेरी ख्वाइश है की मै फिर से फ़रिश्ता हो जाऊ
माँ से इस तरह लिपटू की फिर से बच्चा हो जाऊ
माँ के यूँ कभी खुलकर नहीं रोना
जहाँ बुनियाद होती है वहा इतनी नमी अच्छी नहीं होती
19. माँ तुम गंगा-जल होती हो (Best Heart Touching Poems on Mom in Hindi)
मेरी ही यादों में खोई
अक्सर तुम पागल होती हो
माँ तुम गंगा-जल होती हो!
जीवन भर दुःख के पहाड़ पर
तुम पीती आँसू के सागर
फिर भी महकाती फूलों-सा
मन का सूना संवत्सर
जब-जब हम लय गति से भटकें
तब-तब तुम मादल होती हो।
व्रत, उत्सव, मेले की गणना
कभी न तुम भूला करती हो
सम्बन्धों की डोर पकड कर
आजीवन झूला करती हो
तुम कार्तिक की धुली चाँदनी से
ज्यादा निर्मल होती हो।
पल-पल जगती-सी आँखों में
मेरी ख़ातिर स्वप्न सजाती
अपनी उमर हमें देने को
मंदिर में घंटियाँ बजाती
जब-जब ये आँखें धुंधलाती
तब-तब तुम काजल होती हो।
हम तो नहीं भगीरथ जैसे
कैसे सिर से कर्ज उतारें
तुम तो ख़ुद ही गंगाजल हो
तुमको हम किस जल से तारें
तुझ पर फूल चढ़ाएँ कैसे
तुम तो स्वयं कमल होती हो।
- जयकृष्ण राय तुषार
20. चेहरा नहीं बदलती माँ (Heart Touching Poem on Maa in Hindi)
चूल्हे की
जलती रोटी सी
तेज आँच में जलती माँ
भीतर -भीतर
बलके फिर भी
बाहर नहीं उबलती माँ
धागे -धागे
यादें बुनती
खुद को
नई रुई सा धुनती
दिन भर
तनी ताँत सी बजती
घर -आँगन में चलती माँ
सिर पर
रखे हुए पूरा घर
अपनी –
भूख -प्यास से ऊपर
घर को
नया जन्म देने में
धीरे -धीरे गलती माँ
फटी -पुरानी
मैली धोती ,
साँस -साँस में
खुशबू बोती ,
धूप -छाँह में
बनी एक सी
चेहरा नहीं बदलती माँ
- कौशलेन्द्र
21. सर्वप्रथम माँ तेरी पूजा (Poems on Mom in Hindi)
हे जननी, हे जन्मभूमि
शत-बार तुम्हारा वंदन है
सर्वप्रथम माँ तेरी पूजा
तेरा ही अभिनन्दन है
तेरी नदियों की कल-कल में
सामवेद का मृदु स्वर है
जहाँ ज्ञान की अविरल गंगा
वहीँ मातु तेरा वर है
दे वरदान यही माँ
तुझ पर इस जीवन का पुष्प चढ़े
तभी सफल हो मेरा जीवन
यह शरीर तो क्षण-भर है
मस्तक पर शत बार धरुं मै
यह माटी तो चन्दन है
सर्वप्रथम माँ तेरी पूजा
तेरा ही अभिनन्दन है
क्षण-भंगुर यह देह मृत्तिका
क्या इसका अभिमान रहे
रहे जगत में सदा अमर वे
जो तुझ पर बलिदान रहे
सिंह-सपूतों की तू जननी
बहे रक्त में क्रांति जहाँ
प्रेम, अहिंसा, त्याग-तपस्या से
शोभित इन्सान रहे
सदा विचारों की स्वतन्त्रता
जहाँ न कोई बंधन है
सर्वप्रथम माँ तेरी पूजा
तेरा ही अभिनन्दन है।