मातृ दिवस पर मां के लिए 10 बेस्ट कवितायेँ | Mothers Day Poems in Hindi

Mothers Day Poems in Hindi: मदर्स डे वास्तव में हमारे बारे में नहीं है बल्कि यह हमारी मां के बारे में है। यह एक ऐसा दिन है जब हमें अपनी माताओं का जश्न मनाना चाहिए। यह दिन हर उस व्यक्ति के लिए नहीं है जो माँ है, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए है जिसके पास माँ है। भले ही आपका अपना बच्चा हो या न हो, अगर आप सम्मान पाने से ज्यादा सम्मान देने पर ध्यान देते हैं, तो आपके पास प्यार भरा होगा और इस तरह सबसे संतोषजनक मातृ दिवस होगा।

उसने आपको 9 महीने अपने गर्भ में रखा है और आपको एक अच्छे बच्चे के रूप में पाला है जिसका सम्मान किया जाना चाहिए। उन्हें स्पेशल फील कराने के लिए आप मदर्स डे पर हिंदी में मां पर एक कविता लिख सकते हैं और उसे समर्पित कर सकते हैं। यदि आप कविताएँ लिखने में अच्छे नहीं हैं तो आप हिंदी भाषा में हैप्पी मदर्स डे कविताओं की मदद ले सकते हैं जो इंटरनेट पर आसानी से उपलब्ध हैं। इस लेख में हमने हिंदी में माँ पर भावपूर्ण कविता, poem on mothers day in hindi, poem for mother's day, mother's day kavita in hindi, माँ पर कविता हिंदी में, माँ को समर्पित हिंदी कविताये, माँ की ममता पर हिंदी कविता को जोड़ा है।

Mothers Day Poems in Hindi | मातृ दिवस पर मां के लिए 10 बेस्ट कवितायेँ

, poem on mothers day in hindi
Mothers Day Poems in Hindi

1. जैसी मेरी माँ है (मातृ दिवस कविता)

धुप में छाया जैसे,

प्यास में दरिया जैसे,

तन में जीवन जैसे,

मन में दर्पण जैसे,

हाथ दुआओं वाले रोशन करे उजाले,

फूल पे जैसे शबनम, सांस में जैसे सरगम,

प्रेम की मूरत दया की सूरत,

ऐसे और कहाँ है ,जैसी मेरी माँ है।

जब भी अँधेरा छा जाये,

वोह दीपक बन जाए,

जब इक अकेली रात सताए,

वोह सपना बन जाए,

अन्दर नीर बहाए,

बाहर से मुस्काए,

काया वोह पावन सी,मथुरा-वृन्दावन जैसी,

जिसके दर्शन में हो भगवन,

ऐसी और कहाँ है, जैसी मेरी माँ है

2. ईश्वर का कोई रुप है माँ (Mother's Day ke Liye Poem)

तुम एक गहरी छाव है अगर तो जिंदगी धूप है माँ

धरा पर कब कहां तुझसा कोई स्वरूप है माँ

अगर ईश्वर कहीं पर है उसे देखा कहां किसने

धरा पर तो तू ही ईश्वर का रूप है माँ, 

ईश्वर का कोई रुप है माँ

नई ऊंचाई सच्ची है नए आधार सच्चा है

कोई चीज ना है सच्ची ना यह संसार सच्चा है

मगर धरती से अंबर तक युगो से लोग कहते हैं

अगर सच्चा है कुछ जग में तो माँ का प्यार सच्चा है

जरा सी देर होने पर सब से पूछती माँ,

पलक झपके बिना घर का दरवाजा ताकती माँ

हर एक आहट पर उसका चौक पड़ना, फिर दुआ देना

मेरे घर लौट आने तक, बराबर जागती है माँ

सुलाने के लिए मुझको, तो खुद ही जागती रही माँ

सहराने देर तक अक्सर, मेरे बैठी रही माँ

मेरे सपनों में परिया फूल तितली भी तभी तक थे।

मुझे आंचल में लेकर अपने लेटी रही माँ।

बड़ी छोटी रकम से घर चलाना जानती थी माँ

कमी थी बड़ी पर खुशियाँ जुटाना जानती थी माँ।

मै खुशहाली में भी रिश्तो में दुरी बना पाया।

गरीबी में भी हर रिश्ता निभाना जानती थी माँ।

- दिनेश रघुवंशी

3. मां जो रूठे तो जग रूठ जाए (Mothers Day Poem in Hindi)

Mothers Day Poem in Hindi: Friends, we have written a poem on mother on Mother's Day. Mother is the first word that comes out of the mouth of the child, on hearing the name mother, there is a feeling of love and caress.

Mother is such an idol that it is not possible to weave in words, yet we have tried to tell mother through poetry. 

चांदनी का शहर, तारों की हर गली,

मां की गोदी में हम घूम आए।

नीला-नीला गगन चूम आए।

पंछियों की तरह पंख अपने न थे,

ऊँचे उड़ने के भी कोई सपने न थे,

मां का आँचल मिला हमको जबसे मगर

हर जलन, हर तपन भूल आए।

दूसरों के लिए सारा संसार था,

पर हमारे लिए मां का ही प्यार था,

सारे नाते हमारे थे मां से जुड़े,

मां जो रूठे तो जग रूठ जाए।

- रमेश तैलंग

4. अपने आंचल की छाओं में (Mother Day Special Poem in Hindi)

अपने आंचल की छाओं में, 

छिपा लेती है हर दुःख से वो 

एक दुआ दे दे तो काम सारे पूरे हों

अदृश्य है भगवान, ऐसा कहते है जो

कहीं ना कहीं एक सत्य से, 

अपरिचित होते है वो

खुद रोकर भी हमें हसाती है वो

हर सलीका हमें सिखलाती है वो

परेशानी हो चाहे जितनी भी, 

हमारे लिए मुस्कुराती है वो

हमारी खुशियों की खातिर दुखो 

को भी गले लगाती है वो

हम निभाएं ना निभाएं 

अपना हर फ़र्ज़ निभाती है वो

हमने देखा जो सपना सच उसे बनती है वो

दुःख के बादल जो छाये हमपर 

तो धुप सी खिल जाती है वो

ज़िन्दगी की हर रेस में 

हमारा होसला बढाती है वो 

हमारी आँखों से पढ़ लेती है 

तकलीफ और उसे मिटाती है वो 

पर अपनी तकलीफ 

कभी नही जताती है वो 

शायद तभी भगवान से भी 

ऊपर आती है वोह 

तब भी त्याग की मूरत 

नही माँ कहलाती है वो

5. माँ तो बस माँ जैसी होती (Mother's Day Poem in Hindi)

माँ आँखों से ओझल होती

आँखें ढूँढ़ा करती रोती

वो आँखों में स्‍वप्‍न सँजोती

हर दम नींद में जगती सोती

वो मेरी आँखों की ज्‍योति

मैं उसकी आँखों का मोती

कि‍तने आँचल रोज भि‍गोती

वो फि‍र भी ना धीरज खोती

कहता घर मैं हूँ इकलौती

दादी की मैं पहली पोती

माँ की गोदी स्‍वर्ग मनौती

क्‍या होता जो माँ ना होती

नहीं जरा भी हुई कटौती

गंगा बन कर भरी कठौती

बड़ी हुई मैं हँसती रोती

आँख दि‍खाती जो हद खोती

शब्‍द नहीं माँ कैसी होती

माँ तो बस माँ जैसी होती

आज हूँ जो, वो कभी न होती

मेरे संग जो माँ ना होती।

Related Posts👇🏻🙏🏻❤️

6. जन्नत के धनी वो पैर कभी सहला न सका (Mothers Day Poem in Hindi)

Mothers Day Poems in Hindi- Mother's Day i.e. Mother's Day, this day falls every year on the second Sunday of May, so now in 2023 also this day will fall on May 13. This day is very special for all mothers

  On this day their children plan a surprise for them that is why this day is important. Many poets have written excellent poems for Mother's Day, which you can recite to your mother and you can also share them on Facebook and WhatsApp. 

शख्सियत ए लख्ते-जिगर कहला न सका,

जन्नत के धनी वो पैर कभी सहला न सका

दूध पिलाया उसने छाती से निचोड़कर,

मैं ‘निकम्मा’ कभी 1 गिलास पानी पिला न सका

बुढापे का सहारा हूँ अहसास दिला न सका

पेट पर सुलाने वाली को मखमल पर सुला न सका

वो भूखी सो गई बहू के डर से एकबार मांगकर,

मैं सुकुन के दो निवाले उसे खिला न सका

नजरें उन बूढी आंखों से कभी मिला न सका

वो दर्द सहती रही मैं खटिया पर तिलमिला न सका

जो हर रोज ममता के रंग पहनाती रही मुझे

उसे दीवाली पर दो जोड़ी कपड़े सिला न सका

बिमार बिस्तर से उसे शिफा दिला न सका

खर्च के डर से उसे बड़े अस्पताल ले जा न सका

माँ के बेटा कहकर दम तोड़ने के बाद से अब तक सोच रहा हूँ,

दवाई, इतनी भी महंगी न थी कि मैं ला ना सका

7. माँ ही रब है (Mother's Day Par Poem)

माँ धरती है, माँ ही नभ है

माँ ही रब है, माँ तो सब है

कामों की गठरी कांधे पर लादे

कभी नहीं उफ्फ कहती है

केवल जन्म नहीं देती है

वह जीवन भी देती है

माँ गंगा है, माँ धाय है

माँ गाय है

माँ बच्चों की चिंताओं का

एकमात्र उपाय है

माँ की ममता में देखो

कितना दम है

दुनिया भर की हर उमंग

उसके आगे कम है

ममता की राहों में उसको

कोई बांधा झुका नहीं सकती है

संतान ममता की कीमत

चुका नहीं सकती है

माँ की सेवा कर लोगे

जो तुम सुबह और शाम

घर बैठे ही मिल जाएंगे

तुमको चारों धाम

– पीयूष दत्त मेहता

Related Posts👇🏻🙏🏻❤️

  • मदर्स डे पर पढ़ें माँ पर कही गयी 300+ शायरी | Maa Shayari
  • माँ पर 21 बेस्ट कविताएं | Poem on Mother in Hindi
  • 8. मेरी प्यारी माँ (Mother's Day Kavita in Hindi)

    Mother's Day kavita 2024– Mother's Day is the most enjoyable and highly memorable day of the year for each and every child, children and students. Mother's Day is a special day of the year dedicated to all the mothers of India. Mother's Day is celebrated every year on the second Sunday in the month of May. This year in 2024, it will be celebrated on May 08 (second Sunday) with much joy and happiness. 

    Children become very happy on this day and dedicate poems to their mothers at home or in school to honor their mothers. In today's post, we will give you information about touching poem on mother, few lines on mother, short poem on mother, song on mother, Mother's Day Poem, etc. Happy Mothers Day! 

    जब पूरा संसार रुलाता है 

    तब माँ याद आती है

    दुनिया ने ठुकराया तब 

    तेरी याद आती है मेरी प्यारी माँ 

    ज़िन्दगी के राहो में मुश्किले आयी 

    धुप बारिश में मेहनत की तब याद आयी माँ

    जब कोई आधार नहीं मिला 

    तब याद आयी है मेरी प्यारी माँ 

    प्यार के लिए भागे गलियों में 

    तब माँ की ममता की याद आयी माँ

    जब पैसा कमाने निकले 

    तब मोजशोख कैसे करते है तब याद आयी माँ

    ज़िन्दगी ने अपने रंग दिखाए 

    सब छोड़के चले गए तब माँ की याद आयी

    इसलिए तो माँ तू भगवन 

    से भी बड़ा दरजा तेरा है माँ

    जब साम को घर आता हु 

    तो बच्चे बोले क्या लाये है पापा

    माँ बोली बेटा तू कैसा है 

    तब माँ की याद आयी है मेरी प्यारी माँ 

    जब घर से दूर गया तो पता चला 

    की सबसे ज्यादा कॉल माँ के ही आते रहे

    तब माँ की याद आती है है मेरी प्यारी माँ 

    जब मुशीबत मुझपे गिरती है 

    तब माँ ही सबसे ज्यादा रोती है

    आंसुओं को पोंछने माँ ही 

    दौड़ी आती है है मेरी प्यारी माँ

    9. नींद नहीं आती है तो सुला देती है माँ (मातृ दिवस कविता)

    उदास होता हूँ तो हँसा देती है माँ

    नींद नहीं आती है तो सुला देती है माँ

    मकान को घर बना देती है माँ

    खुद भूखी रह कर भी मेरा पेट भरती है माँ

    जमीं से शिखर तक साथ देती है माँ

    जन्म से आंखरी सांस तक साथ देती है माँ

    जिंदगी में मुश्किले चाहे कितनी भी हो

    हँस के गुजार लेती है माँ

    परिवार छोटा हो या बड़ा सम्भाल लेती है माँ

    मेरी आँखों में छुपी हर एक ख्वाइस को पहचान लेती है माँ

    मेरे हर दर्द की दवा करती है माँ

    मेरी हर खता को माफ़ कर देती है माँ

    रिश्तों को जोड़ती है माँ

    बिना किसी स्वार्थ के प्यार देती है माँ

    परिवार खुश होता है तब खुश होती है माँ

    तू चाहे सन्तान ना हो उसकी फिर भी दुलार देती है माँ

    – नरेंद्र वर्मा

    10. मां का महत्व दुनिया में कम हो नहीं सकता (BEST Mothers Day Poem in Hindi)

    मां- मां-मां संवेदना है, भावना है अहसास है

    मां- मां जीवन के फूलों में खुशबू का वास है।

    मां- मां मरूथल में नदी या मीठा सा झरना है।

    मां- मां रोते हुए बच्चों का खुशनुमा पलना है

    मां- मां लोरी है, गीत है, प्यारी सी थाप है

    मां- मां पूजा की थाली है, मंत्रों का जाप है।

    मां- मां आंखों का सिसकता हुआ किनारा है

    मां- मां गालों पर पप्पी है, ममता की धारा है।

    मां- मां झुलसते दिलों में कोयल की बोली है

    मां- मां मेहंदी है, कुमकुम है, सिंदूर है, रोली है।

    मां- मां कलम है, दवात है, स्याही है,

    मां- मां परमात्मा की स्वयं एक गवाही है।

    मां- मां त्याग है, तपस्या है, सेवा है

    मां- मां फूंक से ठंडा किया हुआ कलेवा है।

    मां- मां अनुष्ठान है, साधना है, जीवन का हवन है

    मां- मां जिंदगी के मोहल्ले में आत्मा का भवन है।

    मां- मां चूड़ी वाले हाथों के मजबूत कंधों का नाम है

    मां- मां काशी है, काबा है और चारों धाम है।

    मां- मां चिंता है, याद है, हिचकी है

    मां- मां बच्चों की चोट पर सिसकी है।

    मां- मां चुल्हा-धुंआ-रोटी और हाथों का छाला है

    मां- मां जंदगी की कड़वाहट में अमृत का प्याला है।

    मां- मां पृथ्वी है, जगत है, धूरी है

    मां- बिना इस सृष्टि की कल्पना अधूरी है।

    तो मां की ये कथा अनादि है

    ये अध्याय नहीं है

    और मां का जीवन में कोई पर्याय नहीं है।

    मां का महत्व दुनिया में कम हो नहीं सकता,

    और मां जैसा दुनिया में कुछ हो नहीं सकता।

    Post a Comment

    0 Comments
    * Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.