exam diet plan |
नमस्कार दोस्तों - एग्जाम का सीजन शुरू हो चुका है। और बहुत से ऐसे स्टूडेंट है जो एग्जाम के नाम से ही घबराने लगते हैं, लेकिन आप थोड़ा संयम और आत्मविश्वास से परीक्षा में बेहतर से बेहतर कर सकते हैं। साथ ही परीक्षा के समय आपके खान-पान का भी महत्व है। वैसे तो अच्छा खान-पान हमारे लिए हमेशा ही फायदेमंद है, लेकिन एग्जाम की घड़ी में इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए तो, आइए जानते हैं एग्जाम के समय हमारा खान-पान कैसा हो।
कैसा हो खानपान
1. फास्ट फूड और जंक फूड से परहेज करना चाहिए, क्योंकि फास्ट फूड और जंक फूड पाचन शक्ति पर बुरा प्रभाव डालते हैं।
2. अपनी डाइट में दूध, दही, मांस, मछली, और अंडा शामिल करें..
3. घर पर बना भोजन खाएं..
4. बादाम, अखरोट, केला, पालक, काबुली चना, आदि ऐसे फूड हैं, जिनको खाने से आपकी याददाश्त मजबूत होती है, और कंसंट्रेट करने में सहायता मिलती है।
5. आप चाहे तो फल, नींबू पानी, फलों का जूस, दिन में कई बार सेवन कर सकते हैं, इससे आपके शरीर को तुरंत एनर्जी मिलती है।
6. सुबह और रात को सोने से पहले एक गिलास दूध जरूर पियें क्योंकि दूध में विटामिन सी के अलावा लगभग सभी जरूरी पोषक तत्व होते हैं।
7. भोजन के साथ सलाद जरूर खाएं, क्योंकि यह आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को संतुलित करता है। साथ ही शरीर में कई प्रकार के विटामिन की कमी को भी पूरा करता है।
8. ड्राई फ्रूट का सेवन करें क्योंकि ड्राई फ्रूट में मिनरल्स और विटामिन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जो हमारे शारीरिक और मानसिक सक्रियता को बढ़ाते हैं।
health tips during exams |
इन बातों का रखें ख्याल
1. तनाव लेने से बचें
2. एग्जाम के समय सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम से दूरी बनाए रखें, या इन पर ज्यादा समय ना बर्बाद करें।
3. शरीर में स्फूर्ति लाने और तरोताजा रहने के लिए योग और एक्सरसाइज करें।
4. अपने मनोबल को ऊंचा रखें और नकारात्मक विचारों को अपने मन में ना आने दे।
5. कम से कम 7- 8 घंटे की नींद लें क्योंकि नींद पूरी होने पर मानसिक कार्य की क्षमता बढ़ जाती है
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माता-पिता इन बातों का रखें ख्याल
1.अपने बच्चों के आहार पर ध्यान देकर उन्हें पौष्टिक आहार खाने को प्रेरित करें।
2.बच्चों पर अधिक अंक पाने का दबाव ना बनाएं, बल्कि उसे विश्वास दिलाएं कि आप उसकी अच्छी और बुरी स्थिति में भी साथ हैं।
3. अपने बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों जैसे उसके दोस्तों, पड़ोसियों के बच्चों, (जो पढ़ने में तेज हों) से ना करें इससे उनका आत्मविश्वास कमजोर होता है।
4. अपने बच्चों की बातों को गौर से सुने, कोई गलती हो जाने पर डाटने, चिल्लाने के बजाय उसे भावनात्मक तरीके से समझाएं।
तो दोस्तों आपको या पोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएं, और यदि आप कोई शिकायत या सुझाव देना चाहते हैं तो आप कमेंट के माध्यम से दे सकते हैं। धन्यवाद....