Hindi is the most spoken language in our country. Many poets of Hindi have spread their language through poems of respect, love and importance of Hindi.
So friends, today's article is based on selected poems of some of the great Hindi poets. hindi diwas poem
Hindi literature is considered to be the richest literature in the world. The history of Hindi literature is also very old. Don't know how many novels, stories, story-scripts, poems, couplets, verses, slogans, messages, good thoughts, speeches, poetry, songs etc.
have been written in Hindi literature and Hindi language. If we talk about Hindi poems, then there has been a special contribution of poems in Hindi literature. Hindi poems have their own language and spirit, every time a new meaning emerges in front of us when we read them.
Let us tell you that all the Hindi Diwas Per Kavita given on this page have been written by the popular poets and poetesses of the country, whose names have also been given in context. Every poet and poetess has his own language style, in which he conveys his words to others by giving them the form of poetry.
Similarly, making people aware about Hindi Diwas and telling the importance of Hindi Diwas, these same poets have written and said poems on Hindi Diwas (Hindi Diwas Par Kavitayen). See below to read Poetry For Hindi Diwas, from where you can read Hindi Divas Poem.
Poem on Hindi Diwas in hindi |
Famous Hindi Divas Poems
Hindi Diwas Poem - On 14 September 1949, Hindi was declared the official language of the Central Government by the Constituent Assembly of India. On the occasion of this important event, National Hindi Diwas is celebrated every year on 14 September to increase the use of Hindi language across the country and to highlight its importance.
The celebration of Hindi Day was started in the year 1953 on the request of Rashtrabhasha Prachar Samiti. During Hindi Day, there are many types of programs in government offices and both government and private. On this day, respect for Hindi language and use of Hindi in daily behavior etc. is emphasized to the students. During this, Hindi essay writing, Hindi poetry recitation, debate competition and Hindi typing competition etc. are organized at many places. In such a situation, many people are looking for poetry on Hindi Diwas. If you are also one of them, then understand that your search is over now because in this special poem on Hindi Diwas, you will find some of the best poems based on Hindi Diwas.
Significance of Hindi Language
In India, a country of cultural and linguistic diversity – from East to West and from North to South – over the centuries, many languages have served as a link. Hindi has been one of the most prominent languages in this and the contribution of Hindi language has also been appreciated from time to time. Apart from this, Hindi has worked to unite India in the thread of unity. Hindi has been an effective and powerful medium of national unity and identity since the time of India's freedom struggle. The biggest strength of Hindi is its scientificity, originality, simplicity, comprehensibility and acceptability. Hindi has also been called the language of the people.
Famous Poets of Hindi Language
The tradition of poets in Hindi is very long. Great Hindi poets have written timeless works. The main poets and poetesses of Hindi language are as follows: Abdurrahim Khankhana, Amir Khusro, Ayodhya Singh Upadhyay 'Hariodh', Atal Bihari Vajpayee, Sant Kabir, Kaka Hathrasi, Kumar Vishwas, Kunwar Bechain, Gopaldas Neeraj, Jaishankar Prasad, Tulsidas, Nagarjuna, Bharatendu Harishchandra, Mahadevi Verma, Maithilisharan Gupt, Makhanlal Chaturvedi, Meera Bai, Ramdhari Singh 'Dinkar', Subhadra Kumari Chauhan, Sumitranandan Pant, Surdas, Suryakant Tripathi 'Nirala', Sohan Lal Dwivedi, Harivansh Rai Bachchan etc. He has taken Hindi language to a new level through his poems.
Know which poems should be read on Hindi Diwas? For the advancement of Hindi language, its various forms have to be promoted and disseminated equally. The importance of essays and debates etc. in Hindi is as much as the importance of Hindi poems and poetry recitation. Poetry must be read on Hindi Diwas in school or any other event. In this article written on Hindi Day poem, we are presenting various poems written in honor of Hindi language, telling the importance of Hindi, which you can use on the occasion of Hindi Day to increase the value of Hindi. Let us know which poems should be read on Hindi Diwas to make an impact on the consciousness of the people.
1. The importance of these lines of Bhartendu Harishchandra, who is called the father of modern Hindi literature, is immense on Hindi Day. Harishchandra ji says, “Nij Bhasha is the root of all progress.
2. In this episode, a special poem composed by Atal Bihari Vajpayee can be read on Hindi Diwas. On the day of Hindi Diwas Poem, this poem greatly increases the importance of Hindi language.
1. निज भाषा उन्नति / हिंदी पर कवितायें
निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल
बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल
अंग्रेजी पढ़ि के जदपि, सब गुन होत प्रवीन
पै निज भाषा-ज्ञान बिन, रहत हीन के हीन
उन्नति पूरी है तबहिं जब घर उन्नति होय
निज शरीर उन्नति किये, रहत मूढ़ सब कोय।
निज भाषा उन्नति बिना, कबहुं न ह्यैहैं सोय
लाख उपाय अनेक यों भले करे किन कोय
इक भाषा इक जीव इक मति सब घर के लोग
तबै बनत है सबन सों, मिटत मूढ़ता सोग
और एक अति लाभ यह, या में प्रगट लखात
निज भाषा में कीजिए, जो विद्या की बात।
तेहि सुनि पावै लाभ सब, बात सुनै जो कोय
यह गुन भाषा और महं, कबहूं नाहीं होय
विविध कला शिक्षा अमित, ज्ञान अनेक प्रकार
सब देसन से लै करहू, भाषा माहि प्रचार।
भारत में सब भिन्न अति, ताहीं सों उत्पात
विविध देस मतहू विविध, भाषा विविध लखात।
सब मिल तासों छांड़ि कै, दूजे और उपाय
उन्नति भाषा की करहु, अहो भ्रातगन आय।
-भारतेन्दु हरिश्चन्द्र-2. मेरी भाषा में तोते भी राम राम / Hindi Diwas Poem
मेरी भाषा में तोते भी
राम राम जब कहते हैं,
मेरे रोम रोम में मानो
सुधा-स्रोत तब बहते हैं।
सब कुछ छूट जाय मैं
अपनी भाषा कभी न छोड़ूंगा,
वह मेरी माता है
उससे नाता कैसे तोड़ूंगा ।
-मैथिलीशरण गुप्त-3. हिन्दी मेरे रोम-रोम में / Poem on Hindi Diwas in hindi
हिन्दी मेरे रोम-रोम में,
हिन्दी में मैं समाई हूँ,
हिन्दी की मैं पूजा करती,
हिन्दोस्तान की जाई हूँ
सबसे सुन्दर भाषा हिन्दी,
ज्यों दुल्हन के माथे बिन्दी,
सूर, जायसी, तुलसी कवियों की,
सरित-लेखनी से बही हिन्दी
हिन्दी से पहचान हमारी,
बढ़ती इससे शान हमारी,
माँ की कोख से जाना जिसको,
माँ,बहना, सखि-सहेली हिन्दी
निज भाषा पर गर्व जो करते,
छू लेते आसमाँ न डरते,
शत-शत प्रणाम सब उनको करते,
स्वाभिमान-अभिमान है हिन्दी
हिन्दी मेरे रोम-रोम में,
हिन्दी में मैं समाई हूँ,
हिन्दी की मैं पूजा करती,
हिन्दोस्तान की जाई हूँ|
4. मेरा अनुरोध है / Hindi Diwas Poem in Hindi for Students
मेरा अनुरोध है-
भरे चौराहे पर करबद्ध अनुरोध
कि राज नहीं- भाषा
भाषा- भाषा- सिर्फ़ भाषा रहने दो
मेरी भाषा को।
इसमें भरा है
पास-पड़ोस और दूर-दराज़ की
इतनी आवाजों का बूँद-बूँद अर्क
कि मैं जब भी इसे बोलता हूँ
तो कहीं गहरे
अरबी तुर्की बांग्ला तेलुगु
यहाँ तक कि एक पत्ती के
हिलने की आवाज़ भी
सब बोलता हूँ ज़रा-ज़रा
जब बोलता हूँ हिंदी
- केदारनाथ सिंह-5. हिन्दी इस देश का गौरव है / Hindi Day Poem
हिन्दी इस देश का गौरव है,
हिन्दी भविष्य की आशा है
हिन्दी हर दिल की धड़कन है,
हिन्दी जनता की भाषा है
इसको कबीर ने अपनाया
मीराबाई ने मान दिया
आज़ादी के दीवानों ने
इस हिन्दी को सम्मान दिया
जन-जन ने अपनी वाणी से
हिन्दी का रूप तराशा है|
-देवमणि पांडेय-ALSO READ :
6. वह हिंदी है / Hindi Diwas ke Liye Kavita
एक डोर में सबको जो है बाँधती
वह हिंदी है,
हर भाषा को सगी बहन जो मानती
वह हिंदी है
भरी-पूरी हों सभी बोलियां
यही कामना हिंदी है,
गहरी हो पहचान आपसी
यही साधना हिंदी है
7. मैं हूँ हिंदी वतन की/ Hindi Diwas Par Kavita
मैं हूँ हिंदी वतन की बचा लो मुझे,
राष्ट्रभाषा हूँ मैं अभिलाषा हूँ मैं,
एक विद्या का घर पाठशाला हूँ मैं.
मेरा घर एक मंदिर बचा लो मुझे,
मैं हूँ हिंदी वतन की बचा लो मुझे.
देख इस भीड़ में कहां खो गई,
ऐसा लगता है अब नींद से सो गई.
प्यार की एक थपक से जगा लो मुझे,
मैं हूँ हिंदी वतन की बचा लो मुझे.
मैं हीं गद्य भी बनी और पद्य भी बनी,
दोहे, किससे बनी और छंद भी बनी.
तुमने क्या-क्या ना सीखा बता दो मुझे,
मैं हूँ हिंदी वतन की बचा लो मुझे.
मैं हूँ भूखी तेरे प्यार की ऐ तू सुन,
दूँगी तुझको मैं हर चीज तू मुझको चुन.
8. हिंदी से हिंदुस्तान है/ हिंदी दिवस पर कविताएं
मुगल आए या आए गोरे
सबको मार भगाया था।
सारा भारत जब आपस में
हिंदी से जुड़ पाया था।
तभी तो हिंदी भाषा में
गाया जाता राष्ट्रगान है,
संस्कृत से संस्कृति हमारी
हिंदी से हिंदुस्तान है।
हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख, इसाई
आपस में ये सब भ्राता हैं है
हिंदी जिसके कारण ही
आपस में इनका नाता है,
मिल जुलकर जो ये रहते तो
भारत का होता निर्माण है
संस्कृत से संस्कृति हमारी
हिंदी से हिंदुस्तान है।
हिंदी में सीखें पढ़ना हम
गाने हिंदी में गाते हैं
फिर क्यों हिंदी अपनाने में
व्यर्थ ही हम घबराते हैं,
सारे देश के संचार साधनों
की यही तो एक जान है
संस्कृत से संस्कृति हमारी
हिंदी से हिंदुस्तान है।
9. गूंजी हिन्दी विश्व में/ हिंदी पर कविता
गूंजी हिन्दी विश्व में,
स्वप्न हुआ साकार,
राष्ट्र संघ के मंच से,
हिन्दी का जयकार,
हिन्दी का जयकार,
हिन्दी हिन्दी में बोला,
देख स्वभाषा-प्रेम,
विश्व अचरज से डोला,
कह कैदी कविराय,
मेम की माया टूटी,
भारत माता धन्य,
स्नेह की सरिता फूटी।
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10. बनने चली विश्व भाषा जो/ हिंदी भाषा पर प्रसिद्ध कविताएं
बनने चली विश्व भाषा जो,
अपने घर में दासी,
सिंहासन पर अंग्रेजी है,
लखकर दुनिया हांसी,
लखकर दुनिया हांसी,
हिन्दी दां बनते चपरासी,
अफसर सारे अंग्रेजी मय,
अवधी या मद्रासी,
कह कैदी कविराय,
विश्व की चिंता छोड़ो,
पहले घर में,
अंग्रेजी के गढ़ को तोड़ो।