hindi short story |
एक नगर में एक बहुत विद्वान और सदाचारी व्यक्ति था, परंतु उसका पुत्र विपरीत स्वभाव का था| गलत लोगों की संगत होने की वजह से वह बिगड़ गया था, पिता ने पुत्र को कुसंग से दूर होने को कहा परंतु जब अनेकों बार समझाने पर भी पुत्र पर कोई असर नहीं हुआ, तो एक दिन पिता ने पुत्र को समझाने के लिए एक युक्ति सोची पिता ने अपने पुत्र को बुलाया और उसे एक हाथ में कोयला वह दूसरे हाथ में चंदन लाने के लिए कहा जब पुत्र दोनों सामान लेकर आया तो पिता ने चंदन और कोयले को वही रख कर उसे अपने दोनों हाथ देखने को कहा पुत्र ने देखा कि उसके एक हाथ में कालिख लगी है तो वही उसके दूसरे हाथ से सुगंध आ रही है पिता ने पुत्र को समझाते हुए कहा--बेटा अच्छे लोगों की संगत चंदन के जैसा है उनका साथ छोड़ने पर भी अच्छे विचारों की सुगंध बनी रहती है| और बुरे लोगों की संगत कोयले जैसा होता है उनका साथ छूटने पर भी उनके बुरे आचरण की कालिमा हमारे जीवन को दुष्प्रभावित करती है|
कहानी से शिक्षा- हमें अपने जीवन में हमेशा चंदन जैसे संस्कारी लोगों की संगत में रहना चाहिए और बुरे लोगों से दूर ही रहने का प्रयास करना चाहिए
Nice story bhai
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