jaun elia shayari |
john elia shayari नमस्कार दोस्तों technofriendajay.in पर आप सभी का स्वागत है दोस्तों जॉन एलिया यह नाम उर्दू के महान शायरों में से एक है
जौन एलिया का जन्म 14 दिसंबर, 1931 को अमरोहा, उत्तर प्रदेश, भारत में हुआ था। वह अपने परिवार में सबसे छोटे हैं अमरोहा में उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने पिता के मार्गदर्शन में प्राप्त की, उन्होंने उर्दू, फारसी और अरबी की डिग्रियां हासिल कीं जौन एलिया के बहुत साम्यवादी विचार थे, वे एक अलग राज्य के इस विचार के विरोधी हो गए लेकिन अंततः 1957 में पाकिस्तान में शामिल होने का फैसला किया और कराची को रहने वाले शहर के रूप में चुना।
शादी
उन्होंने ज़ाहिदा हेना को अपने पत्र भी एकत्र किए थे जिनसे उनकी शादी हुई थी लेकिन वे बाद में 1992 में अलग हो गए थे उनकी कविता अपने अंतहीन दर्द के लिए जानी जाती है। उनके अनुसार प्रेम का उच्चतम स्तर वास्तव में प्रेमी से अलगाव की शुरुआत है।मृत्यु
प्रसिद्ध कवि, जीवनी लेखक और विद्वान जौन एलिया का 70 वर्ष की आयु में लंबी बीमारी के बाद 8 नवंबर, 2002 को कराची में निधन हो गया। वह क्रॉनिक टीबी का मरीज था जो मौत से नहीं बच सकता था।लेखन
जौन एलिया की इतिहास, दर्शन और धर्म के विषयों में गहरी रुचि थी उन्होंने अपने जीवनकाल के दौरान अपनी पहली एंथोलॉजी शायद (1991) प्रकाशित की, अन्य संग्रह यानी, गुमान, लेकिन, गोया और गद्य में एक पुस्तक जिसका नाम फ़ार्मूड था, मरणोपरांत प्रकाशित हुई।पुरस्कार
पाकिस्तान सरकार की ओर से 2000 में प्राइड ऑफ परफॉरमेंस के लिए प्रेसिडेंशियल अवार्ड।Jaun Elia Famous Shayari
- Mera ghar barbaad hogya
- Mere sab log mar gaye
- Ye hasne ki baat hai?
- Accha,ye hasne ki baat hai.
- uski umeed e naaz ka
- Humse ye maan tha
- Ke aap,
- Umar gujaar dijiye ,umar gujaar di gayi.
तो दोस्तों चलिए पढ़ते हैं इस बड़े शायर के लिखे हुए कुछ बेहतरीन गज़ल और शेर , john elia sher, jaun elia shayari image, john elia shayari , john elia shayari in hindi
जॉन एलिया बेहतरीन गज़ल और शेर / John Elia Best Poetry
मैं भी बहुत अजीब हूं इतना अजीब हूं कि बस
ख़ुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहींMain bhi bahut Ajeeb hun Itna Ajeeb Hun Ki bus,Khud Ko tabah kar liya Aur malal Bhi Nahin.
और तो क्या था बेचने के लिए
अपनी आँखों के ख़्वाब बेचे हैंaur to kya tha Bechne ke liye,apni Aankhon Ke Khwab Baiche Hain.
कौन इस घर की देख-भाल करे
रोज़ इक चीज़ टूट जाती हैKaun is Ghar Ki dekh bhal Karen,Roj Ik cheej Tut Jaati Hai.
क्या बताऊं के मर नहीं पाता
जीते जी जब से मर गया हूं मैंKya Bataun Ke Mar Nahin Jata,jite ji Jab Se Mar Gaya Hun Main.jaun elia shayari
john elia best quotes |
जो गुज़ारी न जा सकी हम से
हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी हैJo Gujari Na Ja Saki Humse,Humne vo Jindagi Gujari hai..
उस गली ने ये सुन के सब्र किया
जाने वाले यहां के थे ही नहींuse Gali Ne ye sun ke Sabra Kiya,Jane Wale Yahan Ke the hi Nahin.
ख़ूब है इश्क़ का ये पहलू भी
मैं भी बर्बाद हो गया तू भीKhoob Hai Ishq Ka Pehlu bhi,main bhi Barbad Ho Gaya Tu Bhi.
रोया हूं तो अपने दोस्तों में
पर तुझ से तो हंस के ही मिला हूंRoya Hun To Apne doston mein,per Tujhse to Hans ke hi Mila hun.
अपने अंदर हँसता हूँ मैं और बहुत शरमाता हूं
ख़ून भी थूका सच मुच थूका और ये सब चालाकी थीApne andar hansta Hun MainAur bahut sharmata hun,Khoon bhi thuka Sach Muchthuka aur ye sab Chalaki Thi.
यूं जो तकता है आसमान को तू
कोई रहता है आसमान में क्याYun Jo Takta Hai Aasman Ko Tu,Koi Rehta Hai Aasman mein kya.
काम की बात मैंने की ही नहीं
ये मेरा तौर-ए-ज़िंदगी ही नहींKaam Ki Baat Maine ki hi nahin,ye Mera Tor-e-Jindagi hi Nahin.
अपना ख़ाका लगता हूं
एक तमाशा लगता हूंApna khaka Lagta hun,Ek Tamasha Lagta hun.
आज मुझ को बहुत बुरा कह कर
आप ने नाम तो लिया मेराAaj Mujhko bahut bura Keh kar,aapane Naam to liya Mera.
जाने उस से निभेगी किस तरह
वो ख़ुदा है मैं तो बंदा भी नहीं
Jaane usse Nibhegi Kis Tarah,
vo Khuda Hai Main to Banda Bhi Nahin.
Jaun Elia Shayari in Hindi | जौन एलिया की शायरी
बहुत नज़दीक आती जा रही हो
बिछड़ने का इरादा कर लिया क्याbahut Najdeek aati ja rahi ho,BichadNe Ka Irada kar liya kya.
हो कभी तो शराब ए वस्ल नसीब
पिए जाऊँ मैं ख़ून ही कब तकho kabhi Tu Sharab e wasl Naseeb,Piye jaun Mein Khoon hi Kab Tak.
हमें शिकवा नहीं इक दूसरे से
मनाना चाहिए इस पर ख़ुशी क्याHamen Shikva Nahin Hai Ek dusre se,Manana chahie is per Khushi kya.
हमारे ज़ख़्म ए तमन्ना पुराने हो गए हैं
कि उस गली में गए अब ज़माने हो गए हैंHamare Jakhm e Tamanna purane Ho Gaye Hain,Ki us Gali Mein Gaye ab Jamane Ho Gaye Hain.
हम को यारों ने याद भी न रखा
'जौन' यारों के यार थे हम तोHum Ko Yaaron Ne yaad bhi na Rakha,"John" Yaaron ke yaar the Ham to.
हम कहां और तुम कहां जानाँ
हैं कई हिज्र दरमियाँ जानाँHam kahan aur tum kahan Jana,hai Kai hijra Darmiyaan Jana.
शायद मुझे किसी से मोहब्बत नहीं हुई
पर यकीन सबको दिलाता रहा हूं मैंShayad Mujhe Kisi Se Mohabbat Nahin Hui,per yakin Sabko dilata Raha Hun Main.
बेदिली क्या यूंहीं दिन गुज़र जाएंगे
सिर्फ़ जिंदा रहे हम तो मर जाएंगेBedili kya Yun Hi Din Gujar Jaenge,sirf Jinda Rahe Ham To Mar Jaenge.
वो जो तामीर होने वाली थी
लग गई आग उस इमारत में
ज़िंदगी किस तरह बसर होगी
दिल नहीं लग रहा मोहब्बत मेंwo Jo tameer Hone Wali thiLag Gai Aag use imarat mein,Jindagi Kis Tarah Basar HogiDil Nahin lag raha Mohabbat Mein.
मुझे अब तुमसे डर लगने लगा है
तुम्हें मुझसे मोहब्बत हो गई क्याMujhe ab tum se dar Lagne Laga Hai,Tumhen Mujh Se Mohabbat Ho Gai kya.
जो हालतों का दौर था, वो तो गुज़र गया
दिल को जला चुके है, सो अब घर जलाइएvo Jo hallaton ka Daur tha vo to Gujar Gaya,Dil Ko Jala chuke hain so ab Ghar Jalaiye.
मुझ से बिछड़ कर भी वो लड़की कितनी ख़ुश ख़ुश रहती है
उस लड़की ने मुझ से बिछड़ कर मर जाने की ठानी थीMujhse Bichad Kar Bhi vah ladki Kitna khush khush rahti hai,Us ladki ne Mujhse bichhad kar Mar Jaane Ki Thani thi.
बिन तुम्हारे कभी नहीं आई
क्या मेरी नींद भी तुम्हारी हैBin Tumhare Kabhi Nahin Aai,Kya Meri Neend bhi Tumhari Hai.
Jaun Elia Shayari /Jaun Elia Ghazal
john elia quotes about life |
क्या है जो बदल गई है दुनिया
मैं भी तो बहुत बदल गया हूँKya Hai Jo Badal Gai Hai Duniya,main bhi to bahut badal gaya hun.
अपने सब यार काम कर रहे हैं
और हम हैं कि नाम कर रहे हैंApne Sab yaar kaam kar rahe hain,aur ham Hain Ki Naam kar rahe hain.
क्या सितम है कि अब तेरी सूरत
ग़ौर करने पर याद आती हैkya Sitam Hai Ki Ab Teri Surat,Gaur karne per Yad Aati Hai.
जौन एलिया की 12 मशहूर गजलें (John Elia Ghazal Hindi)
1. कितने ऐश उड़ाते होंगे कितने इतराते होंगे - जॉन एलिया गजल
कितने ऐश उड़ाते होंगे कितने इतराते होंगेजाने कैसे लोग वो होंगे जो उस को भाते होंगे
उस की याद की बाद ए सबा में और तो क्या होता होगा, यूँ ही मेरे बाल हैं बिखरे और बिखर जाते होंगे
बंद रहे जिन का दरवाज़ा ऐसे घरों की मत पूछो, दीवारें गिर जाती होंगी आँगन रह जाते होंगे
मेरी साँस उखड़ते ही सब बैन करेंगे रोएंगे, यानी मेरे बाद भी यानी साँस लिये जाते होंगे
यारो कुछ तो बात बताओ उस की क़यामत बाहों की,वो जो सिमटते होंगे इन में वो तो मर जाते होंगेRelated Posts👇🏻🙏🏻❤️
कितने ऐश उड़ाते होंगे कितने इतराते होंगे
जाने कैसे लोग वो होंगे जो उस को भाते होंगे
उस की याद की बाद ए सबा में और तो क्या होता होगा,
यूँ ही मेरे बाल हैं बिखरे और बिखर जाते होंगे
बंद रहे जिन का दरवाज़ा ऐसे घरों की मत पूछो,
दीवारें गिर जाती होंगी आँगन रह जाते होंगे
मेरी साँस उखड़ते ही सब बैन करेंगे रोएंगे,
यानी मेरे बाद भी यानी साँस लिये जाते होंगे
यारो कुछ तो बात बताओ उस की क़यामत बाहों की,
वो जो सिमटते होंगे इन में वो तो मर जाते होंगे
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2. आदमी वक़्त पर गया होगा - John Elia Shayari
आदमी वक़्त पर गया होगा वक़्त पहले गुज़र गया होगा
वो हमारी तरफ़ न देख के भी कोई एहसान धर गया होगा
ख़ुद से मायूस हो के बैठा हूँ आज हर शख़्स मर गया होगा
शाम तेरे दयार में आख़िर कोई तो अपने घर गया होगा
मरहम ए हिज्र था अजब इक्सीर अब तो हर ज़ख़्म भर गया होगा
3. इक हुनर है जो कर गया हूँ मैं - Jaun Elia Shayari
इक हुनर है जो कर गया हूँ मैं सब के दिल से उतर गया हूँ मैं
कैसे अपनी हँसी को ज़ब्त करूँ सुन रहा हूँ कि घर गया हूँ मैं
क्या बताऊँ कि मर नहीं पाता जीते-जी जब से मर गया हूँ मैं
अब है बस अपना सामना दर पेश हर किसी से गुज़र गया हूँ मैं
वही नाज़-ओ-अदा वही ग़म्ज़े सर ब सर आप पर गया हूँ मैं
अजब इल्ज़ाम हूँ ज़माने का कि यहाँ सब के सर गया हूँ मैं
कभी ख़ुद तक पहुँच नहीं पाया जब कि वाँ उम्र भर गया हूँ मैं
तुम से जानाँ मिला हूँ जिस दिन से बे तरह ख़ुद से डर गया हूँ मैं
कू-ए-जानाँ में शोर बरपा है कि अचानक सुधर गया हूँ मैं
4. ज़िंदगी क्या है इक कहानी है - John Elia Love Poetry
ज़िंदगी क्या है इक कहानी है ये कहानी नहीं सुनानी है
है ख़ुदा भी अजीब यानी जो न ज़मीनी न आसमानी है
है मेरे शौक़-ए-वस्ल को ये गिला उस का पहलू सरा-ए फ़ानी है
अपनी तामीर-ए जान ओ-दिल के लिए अपनी बुनियाद हम को ढानी है
ये है लम्हों का एक शहर-ए-अज़ल यों की हर बात ना गहानी है
चलिए ऐ जान-ए शाम आज तुम्हें शमाँ इक क़ब्र पर जलानी है
रंग की अपनी बात है वर्ना आख़िरश ख़ून भी तो पानी है
इक अबस का वजूद है जिस से ज़िंदगी को मुराद पानी है
शाम है और सहन में दिल के इक अजब हुज़न-ए आसमानी है
5. जो ज़िंदगी बची है उसे मत गंवाइये - Jaun Elia Shayari in Hindi
जो ज़िंदगी बची है उसे मत गंवाइये बेहतर ये है कि आप मुझे भूल जाइए
हर आन इक जुदाई है ख़ुद अपने आप से हर आन का है ज़ख़्म जो हर आन खाइए
थी मश्वरत की हम को बसाना है घर नया दिल ने कहा कि मेरे दर-ओ बाम ढाइए
थूका है मैं ने ख़ून हमेशा मज़ाक़ में मेरा मज़ाक़ आप हमेशा उड़ाइए
हरगिज़ मेरे हुज़ूर कभी आइए न आप और आइए अगर तो ख़ुदा बन के आइए
अब कोई भी नहीं है कोई दिल-मोहल्ले में किस-किस गली में जाइए और गुल मचाइए
इक तौर-ए दह-सदी था जो बे-तौर हो गया अब जंतरी बजाइये तारीख़ गाइए
इक लाल-क़िला था जो मियाँ ज़र्द पड़ गया अब रंग-रेज़ कौन से किस जा से लाइए
शाइर है आप यानी कि सस्ते लतीफ़-गो रिश्तों को दिल से रोइए सब को हँसाइए
जो हालतों का दौर था वो तो गुज़र गया दिल को जला चुके हैं सो अब घर जलाइए
अब क्या फ़रेब दीजिए और किस को दीजिए अब क्या फ़रेब खाइए और किस से खाइए
है याद पर मदार मेरे कारोबार का है अर्ज़ आप मुझ को बहुत याद आइए
बस फ़ाइलों का बोझ उठाया करें जनाब मिस्रा ये -जौन- का है इसे मत उठाइए
6. हमारे शौक के आंसू - Jaun Elia Best Shayari
हमारे शौक के आंसू दो, खुशहाल होने तक,
तुम्हारे आरज़ू केसो का सौदा हो चुका होगा
अब ये शोर-ए-हाव हूँ सुना है सारबानो ने,
वो पागल काफिले की ज़िद में पीछे रह गया होगा
है निस-ऐ-शब वो दिवाना अभी तक घर नहीं आया,
किसी से चन्दनी रातों का किस्सा छिड़ गया होगा
तुम्हारे आरज़ू केसो का सौदा हो चुका होगा
अब ये शोर-ए-हाव हूँ सुना है सारबानो ने,
वो पागल काफिले की ज़िद में पीछे रह गया होगा
है निस-ऐ-शब वो दिवाना अभी तक घर नहीं आया,
किसी से चन्दनी रातों का किस्सा छिड़ गया होगा
7. उम्र गुज़रेगी इम्तहान में क्या - John Elia Shayari in Hindi
उम्र गुज़रेगी इम्तहान में क्या,
दाग ही देंगे मुझको दान में क्या
मेरी हर बात बेअसर ही रही,
नुक्स है कुछ मेरे बयान में क्या
बोलते क्यो नहीं मेरे अपने,
आबले पड़ गये ज़बान में क्या
मुझको तो कोई टोकता भी नहीं,
यही होता है खानदान मे क्या
अपनी महरूमिया छुपाते है,
हम गरीबो की आन-बान में क्या
वो मिले तो ये पूछना है मुझे,
अब भी हूँ मै तेरी अमान में क्या
यूँ जो तकता है आसमान को तू,
कोई रहता है आसमान में क्या
है नसीम-ऐ-बहार गर्दालूद,
खाक उड़ती है उस मकान में क्या
ये मुझे चैन क्यो नहीं पड़ता,
एक ही शख्स था जहान में क्या
दाग ही देंगे मुझको दान में क्या
मेरी हर बात बेअसर ही रही,
नुक्स है कुछ मेरे बयान में क्या
बोलते क्यो नहीं मेरे अपने,
आबले पड़ गये ज़बान में क्या
मुझको तो कोई टोकता भी नहीं,
यही होता है खानदान मे क्या
अपनी महरूमिया छुपाते है,
हम गरीबो की आन-बान में क्या
वो मिले तो ये पूछना है मुझे,
अब भी हूँ मै तेरी अमान में क्या
यूँ जो तकता है आसमान को तू,
कोई रहता है आसमान में क्या
है नसीम-ऐ-बहार गर्दालूद,
खाक उड़ती है उस मकान में क्या
ये मुझे चैन क्यो नहीं पड़ता,
एक ही शख्स था जहान में क्या
8. सीना दहक रहा हो तो क्या चुप रहे कोई - Jaun Elia Famous Shayari in Hindi
सीना दहक रहा हो तो क्या चुप रहे कोई,
क्यूँ चीख़ चीख़ कर न गला छील ले कोई
साबित हुआ सुकून-ए-दिल-ओ-जाँ कहीं नहीं,
रिश्तों में ढूँढता है तो ढूँढा करे कोई
तर्क-ए-तअल्लु-क़ात कोई मसअला नहीं,
ये तो वो रास्ता है कि बस चल पड़े कोई
दीवार जानता था जिसे मैं वो धूल थी,
अब मुझ को एतिमाद की दावत न दे कोई
मैं ख़ुद ये चाहता हूं कि हालात हूं ख़राब,
मेरे ख़िलाफ़ ज़हर उगलता फिरे कोई
ऐ शख़्स अब तो मुझ को सभी कुछ क़ुबूल है,
ये भी क़ुबूल है कि तुझे छीन ले कोई
हां ठीक है मैं अपनी अना का मरीज़ हूं,
आख़िर मिरे मिज़ाज में क्यूँ दखल दे कोई
इक शख़्स कर रहा है अभी तक वफ़ा का ज़िक्र,
काश उस ज़बां-दराज़ का मुंह नोच ले कोई
9. बड़ा एहसान हम फ़रमा रहे हैं - John Elia Quotes in Hindi
बड़ा एहसान हम फ़रमा रहे हैंकि उन के ख़त उन्हें लौटा रहे हैं,नहीं तर्क-ए-मोहब्बत पर वो राज़ीक़यामत है कि हम समझा रहे हैं।
यक़ीं का रास्ता तय करने वालेबहुत तेज़ी से वापस आ रहे हैं,ये मत भूलो कि ये लम्हात हम कोबिछड़ने के लिए मिलवा रहे हैं।
ताज्जुब है कि इश्क़-ओ-आशिक़ी सेअभी कुछ लोग धोका खा रहे हैं,तुम्हें चाहेंगे जब छिन जाओगी तुमअभी हम तुम को अर्ज़ां पा रहे हैं।
किसी सूरत उन्हें नफ़रत हो हम सेहम अपने ऐब ख़ुद गिनवा रहे हैं,वो पागल मस्त है अपनी वफ़ा मेंमेरी आँखों में आँसू आ रहे हैं।
दलीलों से उसे क़ाइल किया थादलीलें दे के अब पछता रहे हैं,तेरी बाँहों से हिजरत करने वालेनए माहौल में घबरा रहे हैं।
ये जज़्ब-ए-इश्क़ है या जज़्बा-ए-रहमतेरे आँसू मुझे रुलवा रहे हैं,अजब कुछ रब्त है तुम से कि तुम कोहम अपना जान कर ठुकरा रहे हैं।
वफ़ा की यादगारें तक न होंगीमेरी जाँ बस कोई दिन जा रहे हैं।।
10. ठीक है ख़ुद को हम बदलते हैं - जौन एलिया की शायरी
ठीक है ख़ुद को हम बदलते हैं,शुक्रिया मश्वरत का चलते हैं।
हो रहा हूँ मैं किस तरह बरबाददेखने वाले हाथ मलते हैं,है वो जान अब हर एक महफ़िल कीहम भी अब घर से कम निकलते हैं।
क्या तकल्लुफ़ करें ये कहने मेंजो भी ख़ुश है हम उस से जलते हैं,है उसे दूर का सफ़र दर-पेशहम सँभाले नहीं सँभलते हैं।
तुम बनो रंग तुम बनो ख़ुश्बूहम तो अपने सुख़न में ढलते हैं,मैं उसी तरह तो बहलता हूँऔर सब जिस तरह बहलते हैं।
है अजब फ़ैसले का सहरा भीचल न पड़िए तो पाँव जलते हैं।।
11. अभी इक शोर सा उठा है कहीं - John Elia Shayari
अभी इक शोर सा उठा है कहीं,कोई ख़ामोश हो गया है कहीं।
है कुछ ऐसा कि जैसे ये सब कुछइस से पहले भी हो चुका है कहीं,तुझ को क्या हो गया कि चीज़ों कोकहीं रखता है ढूँढता है कहीं।
जो यहाँ से कहीं न जाता थावो यहाँ से चला गया है कहीं,आज शमशान की सी बू है यहाँक्या कोई जिस्म जल रहा है कहीं।
हम किसी के नहीं जहाँ के सिवाऐसी वो ख़ास बात क्या है कहीं,तू मुझे ढूँड मैं तुझे ढूँडूँकोई हम में से रह गया है कहीं।
कितनी वहशत है दरमियान-ए-हुजूमजिस को देखो गया हुआ है कहीं,मैं तो अब शहर में कहीं भी नहींक्या मेरा नाम भी लिखा है कहीं।
इसी कमरे से कोई हो के विदाइसी कमरे में छुप गया है कहीं,मिल के हर शख़्स से हुआ महसूसमुझ से ये शख़्स मिल चुका है कहीं।।
12. बे-क़रारी सी बे-क़रारी है - John Elia Best Shayari
बे-क़रारी सी बे-क़रारी है,वस्ल है और फ़िराक़ तारी है।
जो गुज़ारी न जा सकी हम सेहम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है,निघरे क्या हुए कि लोगों परअपना साया भी अब तो भारी है।
बिन तुम्हारे कभी नहीं आईक्या मेरी नींद भी तुम्हारी है,आप में कैसे आऊँ मैं तुझ बिनसाँस जो चल रही है आरी है।
उस से कहियो कि दिल की गलियों मेंरात दिन तेरी इंतज़ारी है,हिज्र हो या विसाल हो कुछ होहम हैं और उस की यादगारी है।
इक महक सम्त-ए-दिल से आई थीमैं ये समझा तेरी सवारी है,हादसों का हिसाब है अपनावर्ना हर आन सब की बारी है।
ख़ुश रहे तू कि ज़िंदगी अपनीउम्र भर की उमीद-वारी है।।
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क्यूँ चीख़ चीख़ कर न गला छील ले कोई
साबित हुआ सुकून-ए-दिल-ओ-जाँ कहीं नहीं,
रिश्तों में ढूँढता है तो ढूँढा करे कोई
तर्क-ए-तअल्लु-क़ात कोई मसअला नहीं,
ये तो वो रास्ता है कि बस चल पड़े कोई
दीवार जानता था जिसे मैं वो धूल थी,
अब मुझ को एतिमाद की दावत न दे कोई
मैं ख़ुद ये चाहता हूं कि हालात हूं ख़राब,
मेरे ख़िलाफ़ ज़हर उगलता फिरे कोई
ऐ शख़्स अब तो मुझ को सभी कुछ क़ुबूल है,
ये भी क़ुबूल है कि तुझे छीन ले कोई
हां ठीक है मैं अपनी अना का मरीज़ हूं,
आख़िर मिरे मिज़ाज में क्यूँ दखल दे कोई
इक शख़्स कर रहा है अभी तक वफ़ा का ज़िक्र,
काश उस ज़बां-दराज़ का मुंह नोच ले कोई
9. बड़ा एहसान हम फ़रमा रहे हैं - John Elia Quotes in Hindi
बड़ा एहसान हम फ़रमा रहे हैं
कि उन के ख़त उन्हें लौटा रहे हैं,
नहीं तर्क-ए-मोहब्बत पर वो राज़ी
क़यामत है कि हम समझा रहे हैं।
यक़ीं का रास्ता तय करने वाले
बहुत तेज़ी से वापस आ रहे हैं,
ये मत भूलो कि ये लम्हात हम को
बिछड़ने के लिए मिलवा रहे हैं।
ताज्जुब है कि इश्क़-ओ-आशिक़ी से
अभी कुछ लोग धोका खा रहे हैं,
तुम्हें चाहेंगे जब छिन जाओगी तुम
अभी हम तुम को अर्ज़ां पा रहे हैं।
किसी सूरत उन्हें नफ़रत हो हम से
हम अपने ऐब ख़ुद गिनवा रहे हैं,
वो पागल मस्त है अपनी वफ़ा में
मेरी आँखों में आँसू आ रहे हैं।
दलीलों से उसे क़ाइल किया था
दलीलें दे के अब पछता रहे हैं,
तेरी बाँहों से हिजरत करने वाले
नए माहौल में घबरा रहे हैं।
ये जज़्ब-ए-इश्क़ है या जज़्बा-ए-रहम
तेरे आँसू मुझे रुलवा रहे हैं,
अजब कुछ रब्त है तुम से कि तुम को
हम अपना जान कर ठुकरा रहे हैं।
वफ़ा की यादगारें तक न होंगी
मेरी जाँ बस कोई दिन जा रहे हैं।।
10. ठीक है ख़ुद को हम बदलते हैं - जौन एलिया की शायरी
ठीक है ख़ुद को हम बदलते हैं,
शुक्रिया मश्वरत का चलते हैं।
हो रहा हूँ मैं किस तरह बरबाद
देखने वाले हाथ मलते हैं,
है वो जान अब हर एक महफ़िल की
हम भी अब घर से कम निकलते हैं।
क्या तकल्लुफ़ करें ये कहने में
जो भी ख़ुश है हम उस से जलते हैं,
है उसे दूर का सफ़र दर-पेश
हम सँभाले नहीं सँभलते हैं।
तुम बनो रंग तुम बनो ख़ुश्बू
हम तो अपने सुख़न में ढलते हैं,
मैं उसी तरह तो बहलता हूँ
और सब जिस तरह बहलते हैं।
है अजब फ़ैसले का सहरा भी
चल न पड़िए तो पाँव जलते हैं।।
11. अभी इक शोर सा उठा है कहीं - John Elia Shayari
अभी इक शोर सा उठा है कहीं,
कोई ख़ामोश हो गया है कहीं।
है कुछ ऐसा कि जैसे ये सब कुछ
इस से पहले भी हो चुका है कहीं,
तुझ को क्या हो गया कि चीज़ों को
कहीं रखता है ढूँढता है कहीं।
जो यहाँ से कहीं न जाता था
वो यहाँ से चला गया है कहीं,
आज शमशान की सी बू है यहाँ
क्या कोई जिस्म जल रहा है कहीं।
हम किसी के नहीं जहाँ के सिवा
ऐसी वो ख़ास बात क्या है कहीं,
तू मुझे ढूँड मैं तुझे ढूँडूँ
कोई हम में से रह गया है कहीं।
कितनी वहशत है दरमियान-ए-हुजूम
जिस को देखो गया हुआ है कहीं,
मैं तो अब शहर में कहीं भी नहीं
क्या मेरा नाम भी लिखा है कहीं।
इसी कमरे से कोई हो के विदा
इसी कमरे में छुप गया है कहीं,
मिल के हर शख़्स से हुआ महसूस
मुझ से ये शख़्स मिल चुका है कहीं।।
12. बे-क़रारी सी बे-क़रारी है - John Elia Best Shayari
बे-क़रारी सी बे-क़रारी है,
वस्ल है और फ़िराक़ तारी है।
जो गुज़ारी न जा सकी हम से
हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है,
निघरे क्या हुए कि लोगों पर
अपना साया भी अब तो भारी है।
बिन तुम्हारे कभी नहीं आई
क्या मेरी नींद भी तुम्हारी है,
आप में कैसे आऊँ मैं तुझ बिन
साँस जो चल रही है आरी है।
उस से कहियो कि दिल की गलियों में
रात दिन तेरी इंतज़ारी है,
हिज्र हो या विसाल हो कुछ हो
हम हैं और उस की यादगारी है।
इक महक सम्त-ए-दिल से आई थी
मैं ये समझा तेरी सवारी है,
हादसों का हिसाब है अपना
वर्ना हर आन सब की बारी है।
ख़ुश रहे तू कि ज़िंदगी अपनी
उम्र भर की उमीद-वारी है।।
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Wah bhai maja aa gaya jhon elia sahab ki best shayari
ReplyDeleteVero nice article,I love john Elia shayari
ReplyDeleteBahut Sundar lekh bhai aapka bahut dhanyvad
ReplyDeleteBahut hi Shandar Lekh Ajay Ji
ReplyDeleteSukriya Bhai john Elia Ki shayari par itna badhia post shear karne ke liye
ReplyDeleteJohn Elia my favourite shayar
ReplyDeleteJanab John Elia ki shayari Dil ko chu gai
ReplyDeleteजॉन एलिया की शायरी, बहुत ही उम्दा लेख भाई
ReplyDeleteBest John elia sad shayari
ReplyDeleteGreat shayari
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