short stories - मकड़ी का जाला

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new short moral stories in hindi एक मकड़ी थी. उसने अपने रहने के लिए जाला बनाने का विचार किया, उसने कमरे के एक कोने में जाला बनाना शुरू किया था की एक बिल्ली वहां आई और मकड़ी से बोली यहां मक्खियां तो है नहीं। 

तेरे जाल में फंसेगा कौन ? तू खिड़की के पास अपना जाला बना मकड़ी ने बिल्ली का कहना मानकर खिड़की के पास जाला बनाना शुरू किया, तभी एक चिड़िया वहां आई और मकड़ी से बोली- तू भी कितनी मूर्ख है

यहां तेज हवा आती है, तेरा जाला तुरंत उड़ जाएगा मकड़ी ने घबराकर वह जाला भी अधूरा छोड़ दिया थोड़े समय के बाद मकड़ी ने अलमारी के पीछे जाला बनाना शुरू किया उसने थोड़ा-ही जाला बनाया था

की एक कीड़ा बोला -यह अलमारी बिल्कुल बेकार है कुछ दिनों के बाद यह कबाड़ में चली जाएगी तो तुम्हारी सारी मेहनत बेकार हो जाएगी मकड़ी का यह जाला भी अधूरा रह गया

 कहानी से शिक्षा - वास्तव में जो लोग दूसरों के कहने पर अपना कार्य अधूरा छोड़ देते हैं, उन्हें असफलता ही हाथ लगती है| इसलिए कोई भी कार्य करने पर सुननी सबकी चाहिए,पर करते समय उद्देश्य का ध्यान रखना चाहिए

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